नेपाल में भी बना करौली शंकर धाम

 

नेपाल वासियों ने करौली शंकर गुरुदेव को किया आमंत्रित 

 

 कानपुर में चैत्र पूर्णिमा पर आयोजित त्रिदिवसीय उत्सव में देश विदेश से हजारों भक्त मंत्र और तंत्र की दीक्षा लेने के लिए धाम पहुंचे। पूर्णिमा के एक दिन पूर्व ही भक्तो का करौली शंकर महादेव धाम आना प्रारंभ हो जाता है। इस तीन दिवसीय उत्सव के प्रथम दिन भक्तों का शुद्धि और सिद्धि का कार्यक्रम होता है तत्पश्चात दितीय दिवस मंत्र की दीक्षा व तृतीया दिवस प्रवचन, ध्यान, साधना व तंत्र की दीक्षा दी जाती है। इस बार की पूर्णिमा में नेपाल से आए हुए भक्तो व शिष्यों ने करौली शंकर महादेव गुरु का चरण पूजन किया व नेपाल में सनातन के प्रचार प्रसार को करने के लिए करौली शंकर महादेव धाम के निर्माण का संकल्प लिया व गुरु को धाम की नींव रखने के लिए नेपाल के शिष्यों ने जल्द से जल्द नेपाल आने को आमन्त्रित किया कार्यक्रम में हजारों भक्त व शिष्यों को ध्यान, साधना, यज्ञ व अनुष्ठान करके जीवन को किसी तरह से रोग, शोक मुक्त किया जाए इसको बताया गया। गुरु ने प्रवचन में बाबा के लिए बोला की अपने शिष्य को गुरु ही भव सागर से पार कराता है। गुरु का ज्ञान और शिक्षा ही जीवन का आधार है। गुरु के बिना जीवन की कल्पना भी अधूरी है। गुरु जगत व्यवहार के साथ- साथ भव तारक, पथ प्रदर्शक भी होते हैं। सनातन अवधारणा के अनुसार इस संसार में मनुष्य को जन्म भले ही माता-पिता देते हैं लेकिन मनुष्य का सही अर्थ गुरु कृपा से ही प्राप्त होता है।

न्यूज़ सोर्स : Nav निर्माण